Sunday 24 July, 2011

दिल तो बच्चा है जी…॥

प्यार प्यार और प्यार्…जाने किस बला का नाम है ये।कोई जान सका है इसे???? शायद नही,,फ़िर भी लोग इसके बारे मे कितनी बाते कर लेते है ना !!!!मै भी यही कर्ने जा रही हू।
       जब से दिल ने इस लफ़्ज़ के बारे मे सुना है,बस तभी से आज तक ये हर बार गुदगुदा जाता है मुझे,,कितना आसान है ना किसी को कह देना कि, "मुझे तुमसे प्यार है"।बहुतो के लिए तो ये एक खेल है;जब तक मज़ा आए खेलो फ़िर मन भर जाए तो कह दो कि अभी मन नही है॥
मेरे लिए तो ये उसकी इबादत है,जो बरसो से दिल मे बसा है।मेरी जीत इसमे है कि बहुत दिनो बाद सही मगर मैने उसे पा लिया॥और मै ये इबादत पूरे अरमान और अहसास के साथ करती हू॥
अब ये जीने का तरीका बन गया है और आदत भी॥और खुश हू की वो हरदम ,हरपल मेरे साथ है॥